Text of PM’s address at the launch of various developmental projects at Bhilai, Chhattisgarh


भारत माता की जय, भिलाई स्टील प्‍लांट छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा के अनमोल रत्‍न हैं। छत्तीसगढ़ महतारी के प्रताप के चिन्‍हारी हैं।छत्तीसगढ़ के यशस्‍वी और लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री हमारे पुराने साथी डॉ. रमन सिंह जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी चौधरी बीरेंद्र सिंह जी, मंत्री श्री मनोज सिन्‍हा जी, इसी धरती की संतान केंद्र में मेरे साथी श्री विष्‍णु देव सहाय जी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्‍यक्ष श्रीमान गौरीशंकर अग्रवाल जी, राज्‍य सरकार के सभी वरिष्‍ठ मंत्रीगण और छत्तीसगढ़ के मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों।
दो महीना पहले वो भी 14 तारीख थी। आज भी 14 तारीख है। मुझे दोबारा एक बार आपके आर्शीवाद प्राप्‍त करने का अवसर मिला है।
जब मैं 14 अप्रैल को आया था यहीं की धरती से युष्‍मान भारत योजना के पहले चरण की शुरुआत की थी। आज दो महीने बाद 14 तारीख को भिलाई में आप सभी से आर्शीवाद लेने का सौभाग्‍य फिर एक बार मुझे प्राप्‍त हुआ है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में, छत्तीसगढ़ के भविष्‍य को मजबूत बनाने वाला एक और सुनहरा अध्‍याय आज जोड़ा जा रहा है। अब से कुछ देर पहले भिलाई में स्टील प्‍लांट के विस्‍तार और आधुनिकीकरण, दुसरा जगदलपुर हवाई अड्डा, नया रायपुर के कमांड सेंटर के लोकार्पण, अनगिनत विकास के काम। इसके अलावा भिलाई में आईआईटी कैंपस के निर्माण और राज्‍य में भारत नेट फैज-2 पर भी आज से काम शुरू हो गया है।
करीब-करीब 22 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की योजनाओं का उपहार आज छत्तीसगढ़ के मेरे प्‍यारे भाईयो बहनों को मैं समर्पित कर रहा हूं। ये सभी योजनाएं यहां रोजगार के नए अवसर बनाने वाली है। शिक्षा के नए अवसर पैदा करने वाली है। आवाजाही के आधुनिक साधन देने वाली है औरछत्तीसगढ़ के दूर दराज के इलाकों को संचार की आधुनिक तकनीक से जोड़ने वाली है। कई वर्षों में हिन्‍दुस्‍तान में जब बस्‍तर की बात आती थी, तो पंप, बंदूक, पिस्‍तौल और हिंसा की बात आती थी। आज बस्‍तर की बात जगदलपुर के हवाई अडडे से जुड़ गई है।
साथियों जिस राज्‍य के निर्माण के पीछे हम सबके ध्‍येय अटल बिहारी वाजपेयी जी का विजन है। मेरे छत्तीसगढ़ वासियों का कठोर परिश्रम है, तपस्‍या है। उस राज्‍य को तेज गति से आगे बढ़ते देखना हम सबके लिए एक बहुत सुखद अनुभव है। आनंद और प्रेरणा देने वाला अनुभव है।
अटल जी के विजन को मेरे मित्र मुख्‍यमंत्री रमन सिंह जी ने पूरे परिश्रम के साथ आगे बढ़ाया है। अब जब भी मैं उनसे बात करता हूं,  टेलीफोन पर तो अक्‍सर मिलते रहते हैं। रूबरू मिलता हूं। हर बार वो कोई नई कल्‍पना नई योजना नई चीज लेकर के आते हैं और इतने उमंग और उत्‍साह के साथ आते हैं। और वो उसको लागू करके सफलता के शिखर पर पहुंचाने का आत्‍मविश्‍वास उनकी हर बात में नजर आता है।
साथियों, हम सब जानते हैं विकास करना है प्रगति करनी है तो शांति, कानून और सामान्‍य जीवन की व्‍यवस्‍थाएं- ये प्राथमिकता रहती है। रमन सिंह जी ने एक तरफ शांति, स्थिरता, कानून, व्‍यवस्‍था उस पर बल दिया। तो दूसरी तरफ विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने के लिए छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाते चले। नर्इ कल्‍पनाएं, नई योजनाएं को लेकर आते रहे और विकास की इस तीर्थयात्रा के लिए मैं रमन सिंह जी और उनके यहां के ढाई करोड़ से ज्‍यादा मेरे छत्तीसगढ़ के भाईयो बहनों को अभिनंदन करता हूं। शुभकामनाएं देता हूं।
भाईयो बहनों, ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। जब छत्तीसगढ़ बना नहीं था मध्‍य प्रदेश का हिस्‍सा था। मैं कभी इस क्षेत्र में टू-व्‍हीलर पर आया करता था। मैं संगठन के काम के लिए आता था। ये मेरे सारे साथी, हम पांच-पचास लोग मिलते थे। देश की, समाज की छत्तीसगढ़ की, मध्‍यप्रदेश मैं की कई समस्‍याएं देखता था। बाते करते थे तब से लेकर आज तक कोई ऐसा वक्‍त नहीं आया जब मेरा छत्तीसगढ़ से दूरी बनने का कोई कारण बना। इतना प्‍यार आप लोगों ने दिया है। हर बार आपसे जुड़ा रहा। शायद पिछले 20,22-25 साल हुए होंगें जिसमें एक भी वर्ष ऐसा नहीं होगा कि जहां मेरा छत्तीसगढ़ आना न हुआ हो। शायद यहां कोई डिस्ट्रिकट ऐसा बचा होगा कि जहां मेरा जाना न हुआ हो। और यहां के प्‍यार को यहां के लोगों की पवित्रता को मैंने भलीभांति अनुभव किया है।
भाईयो बहनों, आज यहां आने से पहले मैं भिलाई स्‍टील प्‍लांट गया था। 18 हजार करोड़ से अधिक खर्च करके इस प्‍लांट को और आधुनिक तकनीक और नई क्षमताओं से युक्‍त किया गया है। और मेरा सौभाग्‍य है कि आज मुझे इस परिवर्तित आधुनिक प्‍लांट के लोकार्पण का भी अवसर मिला है। ये देख के बहुत कम लोगों को पता होगा कि कच्‍छ से कटक तक और करगिल से कन्‍याकुमारी तक आजादी के बाद जो भी रेल की पटरियां बिछी हैं। उनमें अधिकतर इसी धरती से आप ही के पसीने के प्रसाद के रूप में पहुंची हैं। निश्चित तौर पर भिलाई ने सिर्फ स्‍टील ही नहीं बनाया है बल्कि भिलाई ने जिंदगियों को भी संवारा है। समाज को सजाया है और देश को भी बनाया है।
भिलाई का ये आधुनिक परिवर्तित स्‍टील प्‍लांट अब न्‍यू इंडिया की बुनियाद को भी स्‍टील जैसा मजबूत करने का काम करेगा। साथियों भिलाई और दुर्ग में तो आपने खुद अनुभव किया है। कि कैसे स्‍टील प्‍लांट लगाने के बाद यहां की तस्‍वीर ही बदल गई है। इस वातावरण को देखकर मुझे विश्‍वास है कि बस्‍तर के नगर में जो स्‍टील प्‍लांट जो स्‍थापित हुआ है। वो भी बस्‍तर अनचल के लोगों की जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा।
भाईयो और बहनों, छत्‍तीसगढ़ की प्रगति को गति देने में यहां के स्‍टील अयस्‍क, लौह अयस्‍क ये खनन ने बहुत बड़़ी भूमिका निभाई है। इस पर आपका और विशेषकर मेरे आदिवासी भाईयो बहनों का अधिकार है। यही वजह है कि हमनें सरकार में आने के बाद एक बहुत बड़ा कानून में बदलाव किया है। और हमें ये सुनिश्चित किया कि जो भी खनिज निकलेगा, उससे होने वाली कमाई का एक हिस्‍सा वहां के स्‍थानीय निवासियों को उनके विकास के लिए खर्च किया जाएगा। ये हमनें कानूनन तय कर लिया है। और इसलिए खनन वाले हर जिले में District Mineral Foundationकी स्‍थापना की गई।
इस कानून में बदलाव के बाद छत्‍तीसगढ़ को भी तीन हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की अतिरिक्‍त राशी प्राप्‍त हुई है। ये पैसे अब खर्च हो रहे हैं। आपके लिए अस्‍पताल बनाने के लिए, स्‍कूल बनाने के लिए, सड़के बनाने के लिए, शौचालय बनवाने के लिए।
भाईयो और बहनों जब विकास की बात करते हैं, Make in India की बात करते हैं तो इसके लिए कौशल विकास यानी skill development भी उतना ही आवश्‍यक है। भिलाई की पहचान तो दशकों से देश के बड़े education  हक के तौर पर रही है। लेकिन इतनी व्‍यवस्‍थाएं होने के बावजूद यहां आईआईटी की कमी महसूस हो रही है।
आपके मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने पिछली सरकार के समय भी इस बात के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। कि भिलाई को आईआईटी मिलना चाहिए। लेकिन वो भी कौन लोग थे आप जानते हैं भली भांति। रमन सिंह जी ने दस साल मेहनत की पानी में गई। लेकिन जिस छत्‍तीसगढ़ ने हमें भरपूर आर्शीवाद दिया है। जब हमारी बारी आई, रमन सिंह जी आए और हमनें तुरंत फैसला कर दिया। पांच नए आईआईटी और जब पांच नए आईआईटी बने तो आज भिलाई में सैंकड़ों, करोड़ों रुपयों का एक आधुनिक आईआईटी का कैंपस उसका शिलान्‍यास भी हो रहा है। लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला आईआईटी कैंपस छत्‍तीसगढ़ और देश के मेघावी छात्रों के लिए प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा का तीर्थ बनेगा उन्‍हें कुछ नया करने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
साथियों, मुझे कुछ मिनट पहले मंच पर ही कुछ युवाओं को लैपटॉप देने का अवसर मिला है। मुझे खुशी है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सूचना क्रांति योजना के माध्‍यम से कंम्‍पूयटर और टेक्‍नोलॉजी की पढ़ाई पर निरंतर बल दे रहे हैं। तकनीक के साथ जितना ज्‍यादा हम लोगों को जोड़ पाएंगे उतना ही तकनीक से होने वाले लाभ को जन-जन तक पहुंचा पाएंगे। इसी विजन के साथ बीते चार वर्षों के दौरान डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्‍तीसगढ़ सरकार भी इस अभियान को, उसके लाभ को घर-घर पहुंचाने के दिशा में जुटी हुई है।
मैं पिछली बार जब बाबा साहेब अंबेडकर की जन्‍म जयंती पर आया था तो बस्‍तर को इंटरनेट से कनेक्‍ट करने वाले प्रोजेक्‍ट बस्‍तर नेट के फेस-1 के लोकार्पण का अवसर मिला था। अब आज से यहां भारत नेट फेस-2 इस पर काम शुरू हो गया है। लगभग ढाई हजार करोड़ के इस प्रोजेक्‍ट को अगले वर्ष मार्च महीने तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। छत्‍तीसगढ़ की चार हजार पंचायतों तक तो इंटरनेट पहले ही पहुंच चुका है। अब बाकि छ: हजार तक भी अगले साल पहुंच जाएगा।
साथियों, डिजिटल भारत अभियान, भारत नेट यहां राज्‍य सरकार की संचार क्रांति योजना पचास लाख से ज्‍यादा स्‍मार्ट फोन का वितरण, 1200 से ज्‍यादा मोबाइल टावरों की स्‍थापना ये सारे प्रयास गरीबों को, आदिवासियों को, दरिद्र, पीडि़त, वंचित, शोषित उनके सशक्तिकरण का एक नया फाउंडेशन तैयार हो रहा है। एक मजबूत नींव तैयार हो रही है। डिजिटल कनेक्‍टिविटी सिर्फ जगहों को नहीं, सिर्फ एक जगह को दूसरी जगह से जोड़ रही है ऐसा नहीं वो लोगों को भी कनेक्‍ट कर रही है।
भाईयो और बहनों, आज देश को जल, थल, नभ हर प्रकार से जोड़ने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि पुरानी सरकारें जिन इलाकों में सड़के तक बनाने से पीछे हट जाती थी वहां आज सड़कों के साथ ही हवाई अड्डे भी बन रहे हैं।
और मैंने कहा कि मेरा सपना है हवाई चप्‍पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में जा सके इस सोच के साथ उड़ान योजना चलाई जा रही है। और देश भर में नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसा ही एक शानदार हवाई अड्डा आपके जगदलपुर में बना रहे हैं। आज जगदलपुर से रायपुर के लिए उड़ान भी शुरू हो गई है। अब जगदलपुर से रायपुर की दुसरी यानी रायपुर और जगदलपुर के बीच की दूरी छ: से सात घंटे की जगह सिर्फ 40 मिनट रह गई है।
साथियों, ये सरकार की नीतियों का ही असर है। कि अब ट्रेन में एसी डिब्‍बों में सफर करने वालों से ज्‍यादा यात्री हवाई जहाज में सफर कर रहे हैं। एक जमाने में रायपुर में तो दिनभर में सिर्फ छ: flight आती थी। अब वहां रायपुर एयरपोर्ट पर एक दिन में पचास flight आने जाने लग गई हैं। आने-जाने के इन नए साधनों से न सिर्फ राजधानी से दूरी घटेगी लेकिन पर्यटन बढ़ेगा, उद्योग धंधे लगेगे और साथ ही साथ रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे।
साथियों, आज छत्‍तीसगढ़ ने आज बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नया रायपुर शहर देश का पहला green field smart city बन गया है। इसी कड़ी ने मुझे Integrated command and control  centre का उद्घाटन करने का मुझे अवसर मिला है।
पानी, बिजली, स्‍ट्रीट लाइट, सीवेज, ट्रांसपोर्ट अब पूरे शहर की निगरानी का काम इसी एक छोटे से सेंटर से हो रहा है। आधुनिक टेकनोलॉजी और डेटा के आधार पर ये सुविधाएं संचालित हो रही है। नया रायपुर अब देश के दूसरे स्‍मार्ट सिटीज के लिए भी एक मिसाल का काम करेगा।
जो छत्‍तीसगढ़ पिछड़ा, आदिवासियों का जंगलों का यही उसकी पहचान थी वो छत्‍तीसगढ़ आज देश में स्‍मार्ट सिटीज की पहचान बन रहा है। इससे बड़ा गर्व का विषय क्‍या हो सकता है।
साथियों, हमारी हर योजना देश के हर जन को सम्‍मान, सुरक्षा और स्‍वाभिमान का जीवन देने की तरह आगे बढ़ रही है। ये बड़ी वजह है कि पिछले चार वर्षों में छत्‍तीसगढ़ समेत देश के बड़े-बड़े हिस्‍सों में रिकॉर्ड संख्‍या में नौजवान मुख्‍यधारा से जुड़े हैं। देश के विकास से जुड़े हैं।
मैं मानता हूं किसी भी तरह की हिंसा का, हर तरह की साजिश का एक ही जवाब है, एक ही जवाब है, एक ही जवाब है- विकास, विकास और विकास। विकास से विकसित हुआ विश्‍वास हर तरह की हिंसा को खत्‍म कर देता है। और इसलिए केंद्र में बीजेपी के नेतृत्‍व में चल रही एनडीए सरकार हो या फिर छत्‍तीसगढ़ में रमन सिंह जी के नेतृत्‍व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो। हमने विकास के माध्‍यम से विश्‍वास का वातावरण बनाने का प्रयास किया है।
भाईयो और बहनों जब पिछली मैं छत्‍तीसगढ़ आया था तभी देश भर में ग्राम स्‍वराज अभियान की भी शुरुआत की गई थी। पिछले दो महीनों में इस अभियान का बहुत सकारात्‍मक असर पड़ा है। ये अभियान विशेषकर देश के 115 आंकाक्षी जिले यानी कि aspirational district  में चलाया जा रहा है।  जो विकास की दौड़ में पिछले 70 साल में पीछे रह गया था। इसमें छत्‍तीसगढ़ के भी 12 जिले शामिल हैं। इन जिलों में विकास के अलग-अलग पैमानों को ध्‍यान में रखते हुए नई ऊर्जा के साथ काम किया जा रहा है। गांव में सभी के पास बैंक खाते हों, गैस कनेक्‍शन  हो, हर घर में बिजली कनेक्‍शन हो, सभी का टीकाकरण हुआ हो, सभी को बीमा का सुरक्षा कवच मिला हो, हर घर में एलईडी बल्‍ब हो, ये सुनिश्चित किया जा रहा है।
ग्राम स्‍वराज अभियान जनभागीदारी का बहुत बड़ा माध्‍यम बना है। छत्‍तीसगढ़ के विकास में भी ये अभियान नए आयाम स्‍थापित करेगा। विश्‍वास के इस माहौल में गरीब को, आदिवासी को जो ताकत मिलती है उसकी तुलना कभी नहीं कर सकते इतनी ताकत मिलती है।  
छत्‍तीसगढ़ में जन-धन योजना के तहत और ये मैं सिर्फ छत्‍तीसगढ़ का आंकड़ा बता रहा हूं पूरे देश का आंकड़ा नहीं बता रहा हूं। छत्‍तीसगढ़ में जन-धन योजना के तहत एक करोड़ तीस लाख से ज्‍यादा गरीबों के बैंक अकाउंट खुले है। 37 लाख से ज्‍यादा शौचालयों के निर्माण से, 22 लाख गरीब परिवारों को उज्‍ज्‍वला योजना के जरिये मुफ्त कनेक्‍शन मिलने से गैस का, 26 लाख से ज्‍यादा लोगों को मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी कर्ज मिलने से, 60 लाख से ज्‍यादा गरीबों को 90 पैसे प्रतिदिन और एक रुपया महीना पर बीमा सुरक्षा कवच मिलने से, 13 लाख किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिलने से विकास की एक नई गाथा आज छत्‍तीसगढ़ की धरती पर लिखी गई है।
भाईयो और बहनों, यहां छत्‍तीसगढ़ में 7 लाख ऐसे घर थे जहां बिजली कनेक्‍शन नहीं था, प्रधानमंत्री सौभाग्‍य योजना के तहत साल भर में ही इनमें से करीब-करीब आधे घरों में यानी साढ़े तीन लाख घरों में बिजली कनेक्‍शन पहुंचाने का काम पूरा कर दिया गया है। लगभग 1100 ऐसे घर हैं जहां आजादी के इतने वर्षों के बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी वहां अब बिजली पहुंच चुकी है। ये उजाला, ये प्रकाश विकास और विश्‍वास को घर-घर में रोशन कर रहा है।
साथियों, हमारी सरकार देश के हर बेघर को घर देने के मिशन पर भी काम कर रही है। पिछले चार साल में देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक करोड़ 15 लाख से ज्‍यादा घरों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही पुरानी सरकारों के दौरान अधूरे बने मकानों को भी पूरा करने का काम हमनें आगे किया है। यहां छत्‍तीसगढ़ में भी करीब छ: लाख घर बनवाए जा चुके हैं। अभी दो-तीन दिन पहले ही सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना और ये मैं छत्‍तीसगढ़ के मध्‍यप्रदेश के या हमारे देश के अन्‍य भू-भाग के मध्‍यमवर्गीय परिवारों को खास कहना चाहता हूं। एक बड़ा अहम फैसला लिया है जिसका मध्‍यमवर्गीय परिवार को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है। सरकार ने तय किया है कि मध्‍यम वर्गीय के लिए बन रहे घरों पर जो ब्‍याज में छूट दी जाती थी। वो घर लोगों को छोटे पड़ते थे। मांग थी कि जरा एरिया बढ़ाने की परमिशन मिल जाए। दायरा बढ़ा दिया जाए। भाईयो-बहनों मुझे गर्व होता है कि जनता जर्नादन की इस इच्‍छा को भी हमनें पूरा कर दिया है। यानी अब ज्‍यादा बड़े घरों पर भी वही छूट दे दी जाएगी। सरकार का ये फैसला विशेषकर मध्‍यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत देने वाला है।
आज यहां केंद्र और राज्‍य सरकार की ऐसी अनेक योजना जैसे प्रधानमंत्री मातृत्‍व वंदना योजनाउजज्‍वला, मुद्रा और स्‍टेंडअप, बीमा योजना के लाभार्थियों को सर्टिफिकेट और चेक देने का मुझे अवसर मिला है। मैं सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और भविष्‍य के लिए मैं मंगल कामना करता हूं।
साथियों ये मात्र योजनाएं नहीं हैं। बल्कि गरीब, आदिवासी, वंचित, शोषित का वर्तमान और भविष्‍य उज्‍ज्‍वल बनाने वाले संकल्‍प है। हमारी सरकार आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय बढ़ाने के लिए भी विशेष तौर पर कार्य कर रही है।
दो महीने पहले ही बीजापुर से मैंने वन-धन योजना की शुरुआत की थी। इसके वन-धन विकास केंद्र खोले जा रहे हैं। ये सुनिश्चित किया गया है। कि जंगल के उत्‍पादों का सही दाम मार्किट में मिलना चाहिए।
इस बजट में सरकार ने 22 हजार ग्रामीण हाटों को विकसित करने का भी ऐलान किया है। शुरुआती चरण में इस वर्ष हम 5 हजार हाट विकसित कर रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि मेरे आदिवासी भाईयो को, किसानों को गांव से 5-6 किलोमीटर के दायरे में ऐसी व्‍यवस्‍था मिले जो उन्‍हें देश की किसी भी मंडी से टेक्‍नोलॉजी से कनेक्‍ट कर देगा।
इसके अलावा आदिवासियों के हितों को देखते हुए वन अधिकार कानून को और शक्ति से लागू किया जा रहा है। पिछले चार साल में छत्‍तीसगढ़ में करीब एक लाख आदिवासी, और आदिवासी समुदायों को बीस लाख एकड़ से ज्‍यादा जमीन का टाइटल दिया गया है।
सरकार ने बांस से जुड़े एक पुराने कानून में भी बदलाव  किया है। अब खेत में उगाया गया बांस आप आसानी से बेच सकते हैं। इस फैसले ने जंगलों में रहने वाले भाई-बहनों को अतिरिक्‍त कमाई का एक बड़ा साधन दिया है।
भाईयो और बहनों, सरकार आदिवासियों की शिक्षा, स्‍वाभिमान और सम्‍मान को ध्‍यान में रखते हुए भी काम कर रही है। आदिवासी बच्‍चों में शिक्षा का स्‍तर ऊपर उठाने के लिए देश भर में एकलव्‍य विद्यालय खोले जा रहे हैं।
यहां छत्‍तीसगढ़ में भी हर वो ब्‍लॉक जहां पर मेरे आदिवासी भाई-बहनों की आबादी पचास प्रतिशत से अघिक है। या कम से कम 20 हजार लोग इस वर्ग के रहते हैं वहां एकलव्‍य मॉडल रिहायशी स्‍कूल को रेजिडेंशल स्‍कूल बनाया जाएगा।
इसके अलावा देश की स्‍वतंत्रता में 1857 से लेकर के आदिवासियों के योगदान के बारे में देश और दुनिया को जागृत करने का भी एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति देने वाले महान आदिवासी स्‍वतंत्र सेनानियों के सम्‍मान में, अलग-अलग राज्‍यों में museum बनाए जा रहे हैं।
छत्‍तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक infrastructure को बढ़ाने वाले इन योजनाओं से बस्‍तर से सरगुजा तक और रायगढ़ से राजनंद गांव तक आर्थिक और सामाजिक विकास में एकरूपता भी आएगी। प्रदेश में क्षेत्रीय असमान को समाप्‍त करने का अभियान भी तेज गति से पूरा होगा।  
और आज छत्‍तीसगढ़ में, मैं जब भिलाई प्‍लांट में जा रहा था। छत्‍तीसगढ़  ने जिस प्रकार से मेरा स्‍वागत और सम्‍मान किया, जैसे पूरा हिन्‍दुस्‍तान छत्‍तीसगढ़  की रोड पर छाया हुआ था। हिन्‍दुस्‍तान का कोई ऐसा कोना नहीं होगा जिसके आज मुझे दर्शन न हुए हों। जिनके आज मुझे आर्शीवाद न मिले हों।
मैं एक लघु भारत ये मेरा भिलाई और दुर्ग देश भर से यहां बसे हुए लोगों ने आज जो देश की एकता का माहौल मेरे सामने प्रस्‍तुत किया, देश की विविधता का माहौल प्रस्‍तुत किया। अपने-अपने राज्‍य की परंपरा के आधार पर आर्शीवाद दिए। मैं इन सभी लोगों का छत्‍तीसगढ़ का दुर्ग का और मेरी इस भिलाई का अन्‍त:करण पूर्वक आभार व्‍यक्‍त करता हूं।
मैंहा जब-जब छत्‍तीसगढ़  आथया,  तब-तब यहां नवा-नवा काम होता, नवा-नवा निर्माण के काम हर पई कुछ नवा कुछ बेहतर देखे भर मिलते छत्‍तीसगढ़ हर एक कीर्तिमान रचे के बाद खुद नवा लक्ष्‍य तय कर लेते इसी कारण यहां विकट विकास होवत है।
भाईयो और बहनों, नया छत्‍तीसगढ़ 2022 में न्‍यू इंडिया का रास्‍ता प्रशस्‍त करेगा मुझे विशवास है कि आपके आर्शीवाद से, आपके साथ से न्‍यू इंडिया का संकल्‍प अवश्‍य सिद्ध होगा इसी कामना के साथ मैं आप सबका ह्दय से अभिनंदन करते हुए, छत्‍तीसगढ़ सरकार को बधाई देते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं।
बहुत-बहुत धन्‍यवाद।  

http://www.pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1535598

Comments

Popular posts from this blog

Proposed amendments to Income-tax Rules, 1962 - Inviting comments of stakeholders

Here’s how you can protect yourself from the deadly Nipah Virus

Revised Guidelines for Maulana Abul Kalam Azad Trophy